bapu


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बुधवार, 3 अगस्त 2011

एक फकीरा आया मोटेरा के गाँव में .........

एक फकीरा आया मोटेरा के गाँव में .........




आ बैठा वो नीम की ठंडी छाव में........

होठों पे मुस्कान है.......छाले पाव में......

आ बैठा इक नीम की ठंडी छाव में .....


कभी अलाह अलाह बोले....कभी राम नाम धुन गाये ...

कभी अलाह अलाह बोले....कभी राम नाम धुन गाये ...

कोई कहे संत लगता है ...कोई पीर-फकीर बताये .....

जाने किस्से बाते करे हवाओ में ...

आ बैठा इक नीम की ठंडी छाव में......

हे कौन कोई न जाने ...

कोई उसको न पहचाने ...

चोला फकीर का पहना..........................
​............ देखो जग के दाता ने ...




देखो सबकी मांगे खेर दुवाओ में......

आ बैठा इक नीम की ठंडी छाव में.... ...

वो जिसको हाथ लगाये ....

उसका हर दुःख मिट जाए .....

वो दे दे जिसे विबुती....

.हर ख़ुशी उसे मिल जाए....

काटे चुन कर फुल बिछाये राहों में.....

आ बैठा इक नीम की ठंडी छाव में....

एक फकीरा आया मोटेरा के गाँव में .........

आ बैठा वो नीम की ठंडी छाव में........











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