bapu


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शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

मेरे घर के आगे बापू.... तेरा मंदिर बन जाये ........

मेरे  घर  के  आगे बापू.... तेरा  मंदिर   बन  जाये ........

जब  खिड़की  खोलू  तो......  तेरा  दर्शन  हो  जाये .....

 मेरे  घर  के  आगे बापू.... तेरा  मंदिर   बन  जाये .......

जब  आरती  हो  तेरी ..... मुझे  घंटी  सुनाई  दे ........
मुझे  रोज  सवेरे  बापू .... तेरी  सूरत  दिखाई  दे .....
जब  भजन  करे  मिल  कर ..... रस  कानो   में  घुल  जाये ....
जब  खिड़की  खोलू  तो......  तेरा  दर्शन  हो  जाये .....

आते  जाते  बापू .............. मै  तुमको  प्रणाम  करू ............
जो  मेरे  लायक  हो  ..............कुछ  ऐसा  काम  करू ....

तेरी  सेवा  करने  से .......... मेरी  किस्मत  खुल  जाये .......
जब  खिड़की  खोलू  तो......  तेरा  दर्शन  हो  जाये .....

नजदीक  रहेंगे  तो ...... आना- जाना  होगा...........
अब  भक्तो   का  बापू  .......मिलना  झुलना  होगा .....
 सब  साथ  रहे  बापू ....... जल्दी  वो  दिन  आये ........
मेरे  घर  के  आगे बापू.... तेरा  मंदिर   बन  जाये ........
जब  खिड़की  खोलू  तो......  तेरा  दर्शन  हो  जाये .....

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