तेरे दरबार में झुकता है ....बापू सर मेरा......
तेरे लिए जान भी हाज़िर है .............है क्या है मेरा.......
तेरे दरबार में झुकता है ....बापू सर मेरा......
तेरी रहमत .....तेरी रजा ...........है तक़दीर मेरी
तेरी इबादत से पलटी है ..................लकीरे मेरी.....
रुख फिजा का बदल जाता .....ग़र.हो इशारा तेरा.....
तेरे दरबार में झुकता है....... बापू सर मेरा.....
तेरी राहों में है मंजिल ......बापू.... मेरी......
मुडती जेसे ......है ये राहें.......वेसे किस्मत मेरी
तेरी राहों में है मंजिल... बापू मेरी....
मुडती जेसे..... है ये राहें.......वेसे किस्मत मेरी
ये गुजारिश है ..मेरे सर पे हाथ रहे तेरा.......
तेरे दरबार में झुकता है....... बापू सर मेरा.....
hariom
kamal hirani
dubai
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