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बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

ये व्रत ले लो

लोगो की निंदा नहीं करूँगा’ – ये व्रत ले लो

–ॠतुओं की निंदा नहीं करूँगा – ये व्रत ले लो

–पशुओं की निंदा नहीं करूँगा– ये व्रत ले लो

–पक्षियों की निंदा नहीं करूँगा– ये व्रत ले लो

–शराब नहीं पिउंगा ये व्रत ले लो

–मांस भक्षण नहीं करूँगा ये व्रत ले लो

–कोई भी परिस्थिति आएगी तो प्रभावित नहीं होऊंगा,ये व्रत ले लो

देखो..फिर फिसलेंगे नहीं …

फिसले या फिसलने लगो तो भी हो सावधान हो जाना ,

समता तो आप में समता आ जायेगी……

समता आते ही आप भगवान के अनुभव को अपना अनुभव पायेंगे !

श्री राम ,कृष्ण और भगवान शिव शंकर त्रंबकेश्वर के अनुभव को अपना अनुभव पायेंगे !!

लीलाशाह भगवान के अनुभव को अपना अनुभव पाएंगे ,

बापू के अनुभव को अपना पायेंगे …!!


समत्व योग मुच्यते
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हठ योग,लय योग,नादानुसंधान योग,कुंडलिनी योग ..

कई योगो को मैंने सुना ,

देखा और किया भी है ..


लेकिन श्रीकृष्ण भगवान का

‘समत्व योग मुच्चते’..सब से श्रेष्ठ योग हैं…. !!


कोई भी परिस्थिति आए,चित्त की समता बनी रहेती हैं …

ना डरना,ना फिसलना कैसी भी परिस्थति में व्यक्ति सम रहे …

ये समत्व योग है …

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