bapu


Click here for Myspace Layouts

बुधवार, 5 जनवरी 2011

इस नन्हीं बालिका को देखो (anubhav)



परम पूज्य बापू जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।




मैं हर रविवार को 'बाल संस्कार केन्द्र' में जाती हूँ।


 मैं तीसरी कक्षा में 60 % अंक लेकर पास हुई





और इस बार मुझे 94 % अंक मिले हैं।

बापूजी से सारस्वत्य मंत्रदीक्षा लेने के बाद मैंने मांस-मच्छी खाना छोड़ दिया।

फिर मेरे माता-पिता ने भी मेरा अनुकरण करते हुए यह सब छोड़ दिया।

जब मैं छुट्टियों में गाँव गयी तब मेरे दादा-दादी ने मुझे जप करते हे देखा तो वे कहने लगेः

 "हमारी इतनी उम्र हो गयी है फिर भी हमें इस सच्ची कमाई का पता नहीं है

 और इस नन्हीं बालिका को देखो,

अभी से इसे सच्ची कमाई के संस्कार मिले हैं।

धन्य हैं बापू जी के 'बाल संस्कार केन्द्र' !

जब बापू जी आयेंगे तब हम भी उनसे जरूर मंत्रदीक्षा लेंगे।'




इस तरह हमारे परिवार में सभी का जीवन बापू जी ने परिवर्तित कर दिया।"



- शालू सिंह, वरली (मुंबई)


वाह बापू वाह......



न जाने कितनो की ज़िन्दगी बना दी तुमने मेरे साईं........

तुम्हारी जय हो..मेरे प्रभु.......

हरी....हरी.....बोल

hariommmmmmmmmm


(note}}}} isme balika ka photho na milne ki vajah se badla hua photho lagaya ja rha hai..)

2 टिप्‍पणियां: