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शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

वही होता है जो मंजूरे आसाराम बापू होता है



सदगुरू देव* की कृपा से करोडो साधक चुप्पी साधकर बैठे है


और कुप्रचारक और सत्ताधीश लोग ये समझ रहे है कि हम ऐसे ही चुप रहेगे ,



लेकिन अब और नहीं इन षड्यंत्रकारियो को इन्ही की भाषा ही समझानी पड़ेगी


बहुत हो चूका ध्यान भजन , अब करना पड़ेगा शत्रु मर्दन ,


 तोड़ फोड़ कार्येक्रम हम भी कर सकते है ,
बस अब सब्र का बाँध टूट चूका है


 और अब लाइन
लगने वाली है बापू के भगत सिंह जैसे साधको कि ,

 और ये भगत सिंह
इतनी आसानी से फाँसी पर नहीं झूलने वाले ,

 षड्यंत्रकारियो को लगाई जाएगी फाँसी ,


 पहले भी हमारे आश्रम के भाइयो पर बड़ा जुल्म हुआ है

और हम गुंगो की तरह चुप बैठे रहे

पर अब हमे प्रशासन की मदद की भी जरूरत नहीं ,

 इन राक्षसों को सीधे ही आइना दिखाने की बारी आ गयी है ,



 माला के साथ भाला उठाने का वक्त आ गया है ,

 *मुधई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है वही होता है जो मंजूरे आसाराम बापू होता है*


क्या जब तक बापू जी आज्ञा नहीं करेंगे तब तक हम इस जुल्म को इसी प्रकार सहते रहेंगे ,

 अपने गुरुदेव के आश्रमों को ऐसे ही टूटते हुए देखते रहेंगे ,



नहीं नहीं नहीं हर एक साधक बापू जी का अपने आप में अत्यंत समर्थ है

पर फिर भी श्रद्धा ने गुरु आज्ञा से बांध रखा है पर ध्यान रखना भाइयो और बहनों

बापू जी कभी भी आज्ञा नहीं देंगे सडको पर उतरने की और विरोध करने की,,



वे भगवान है................................



 वे भगवान है

उनका हिरदे करूणामये है

 ये निर्णय अब हमे स्वयं लेना है की हम ने आज तक सत्संग

और सदगुरु का कितना आदर करना सीखा है ,

साधक का विवेक इश्वेर प्राप्ति के लिए है



पर जिन सदगुरु से इश्वर की अनुभूति होगी

उन पर ही कोई लांछन लगाये वो भी सुनियोजित षड्यंत्र के तहत तो फिर चुप बैठना नपुंसकता नहीं है

 क्या ?,

किसी को तो पहल करनी होगी ,

किसी को तो आगे आना ही होगा ,



सनातन धरम के पथ पर कोई शास्त्र

भयभीत होना नहीं सिखाता फिर क्यों साधक शांत है

आईये एक जुट होने का समय है ,


अपने अपने क्षेत्रो में एक नया संघ का गठन कीजिये

 और मिलकर इस षड्यंत्रकारी

कुप्रचार और मीडिया के घिनोने दोगुले चरित्र को देश के जनता के सामने लाईये



,आपकी परीक्षा का समय है ,भारत करवट ले रहा है विश्वगुरु बनने के लिए ,

अपने आत्मा की शक्ति को जगाओ और
 थोडा सा अब इस परिस्थिति पर भी गहराई से मनन करो

वर्ना हम अपने आप को कभी माफ़ नहीं कर पायेगे ,

हमारे शरीर के पिता को कोई गाली दे

 तब तो हम किसी आज्ञा का इंतज़ार नहीं करते बस अपना आपा खो बैठते है और


भगवत्स्वरूप हमारे सच्चे पिता ,हमारे सदगुरुदेव आसारामजी बापू ,

इस युग के वो संत जिनके हृदय में भगवान ने प्रकट होने का सच्चा

अहसास पुरे विश्व को बार बार करवाया है ,,,

हम उनकी आज्ञा का इंतज़ार करते है कि बापू जी बोलेंगे तो ही



 विरोध करेंगे क्या ये सदगुरु से सबसे बड़ा धोखा नहीं है ,


अपनी संस्कृति से और अपनी गुरुभक्ति से गद्दारी नहीं है ,


क्या ? आने वाली पीडी हमारे ऊपर  प्रश्नचिन्ह नहीं लगाएगी कि

 सनातन धर्म के अनुयायी अब डरपोक हो चुके है

 कौन हम से प्रेरणा  लेगा ?


 हा शोक हा शोक अरे अपने इतिहास को ही देख लो ,
अपने क्या पुरे विश्व के धर्मो के इतिहास को उठा लो कही भी किसी भी धर्म ने इतना जुल्म कभी नहीं सहा

जितना हम लोगो ने सहा क्या ये सहिष्णुता है ???,,


 नहीं समय रहते आवाज़ न उठाने का प्रतिफल है,
कायरता को हम कब तक सहिष्णुता का जामा पहना कर अपनी कमजोरी को
छिपाते रहेंगे,


भाइयो सहिष्णुता का अर्थ ये नहीं है कि सदा चुप ही रहो चाहे कोई
आपके देश ,संस्कृति ,गुरुजन और राष्ट्रीयता का बलात्कार हनन करता रहे ,


 मुझे याद है सत्संग में *एक बार बापू जी ने कहा था कि


 मेरे सदगुरु लीलाशाह जी के बारे में कोई अपशब्द बोल कर तो देखे

अगर उसको दिन में तारे न दिखा दू तो

 मै अपने गुरु का सत्शिष्ये नहीं*


 क्या हम लोगो में कभी ऐसी गुरुभक्ति नहीं आएगी ,

भाइयो और बहनों जितनी भी शक्ति है उतनी ही बहुत है पर उसका उपयोग करने की पहल
तो हो,,


 वही नहीं हो रही है आप सब विश्व के साधको से मेरा निवेदन है कि अब तो
शुरुआत करे


 अगर हमारे देश के ब्रह्मज्ञानी संतो का भारत में आदर नहीं होगा तो
फिर भारत में किसी का भी आदर नहीं होने देंगे हमारे साथ पूरा विश्व
है,सनातान्धर्माचर्ये है ,



और तो क्या कहे भगवान हमारे साथ है हम विजयी होंगे.
आगे के कार्येक्रम की रूपरेखा जल्दी ही आपके सामने होगी आप तैयार रहे!!!!!



आईये इस नए जयघोष कि गूंज पुरे विश्व वासियों तक पहुंचाए ,

 अगर आप उचित समझे तो इस नारे को अपनी सहमति प्रदान करके

सनातनधर्म का गौरव बढाये



*जय संत - जय भारत *

हरी हरी ॐ

from


from
देवेंदर शर्मा
जी.आई.आई.टी ,दिल्ली

11 टिप्‍पणियां:

  1. aapki bhavana aur dard maiN samjhta huN. par sant ko shaNt rah kar hi, satta ka margdarshan karna chahiye. Satta me bhag lena uNchit nahi lagta.

    Om – Onkaar – Allah – God - Om.Sai.Ram - Madre.Watan.Hind - Vande.Matram.
    -GK,
    Citizen of Azad Hind Desh (PK+IN+BD)

    जवाब देंहटाएं
  2. sahi kha gulam bhai aapne.....

    per yha baat asharam bapu se he nhi aati...

    in media walo ne ,kuparchar walo ne,

    dharmantran walo ne ....

    jina haram kar diya hai

    hindhuo ka or hindhu santo ka....

    kyu ??????

    kuyki hindhu chup hai ...isliye?????

    nhi ab nhi sahenge...

    kitne santo ko in juthi media ne fasaya.....

    pese le lekar humare santo ko fasaya ...

    jail tak jana para kai santo ko...

    ab hum chup nhi bethenge.....

    jai ho....

    जवाब देंहटाएं
  3. Very Nice Blog
    Thanx to owner of this blog.
    I would like to request each and every person try to make this blog popular by sharing on your Facebook and orkut account.

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत विवेक पूर्ण बात लिखी गयी है इस ब्लॉग मैं |
    मैं इस कथन को पूरी तरह सही मानता हूँ और खुद भी इस सेवा मैं भाग लेने का संकल्प करता हूँ |

    हरी ओम|

    जवाब देंहटाएं
  5. sadhuwad to all of u .........
    thanku very much....

    tu jaag sake tho jaag tere bitar hai bhagwan....

    जवाब देंहटाएं
  6. Very Nice thoughts.. a small correction if I may request including Osho's photo is not appropriate as some of his thought process conflicts with Vedic Philosophy

    जवाब देंहटाएं
  7. प्रिये आत्मन
    जय बापू आसाराम ब्लाग के जो रचयिता है सबसे पहले मै आपको इस सेवा के लिए प्रणाम करता हु , और जो भी साधक भाई इस ब्लॉग को पड़ रहे है उनसे प्रार्थना है कि ये कोई विचार नहीं है ,कोई द्वेष या मुद्दा भी नहीं है , और न ही किसी कि श्रद्दा और विश्वास को भड़का कर साधको का ध्यान भजन में बाधा डालने का हेतु है , ये करोडो साधको के हृदय की पीड़ा है ,बापू के बच्चो के दिल का दर्द है ,संतो की और टकटकी लगा कर आत्मरस पीने वालो के आत्मा से निकलने वाली आह है , कोई सहमत हो या असहमत हो ये विषय नहीं है , मै कहना चाहूँगा कि ये विषय ही नहीं है , आप जाग जाये , बस ! हम सब गुरुपरिवार के भाई और बहने एकता के धागे में बंध कर आने वाली आंधी का सामना करे और उस समय किसी को आवाज़ न लगानी पड़े कि आओ हमे एक होना है , हम पहले ही कमर कस ले , हम एकता कि वो मिसाल कायम करे कि सदगुरु का हृदय भी अपने शिष्यों के लिए गदगद हो जाये , मुझे बड़ी राहत मिली है इस ब्लॉग से , इसके द्वारा जाग्रति का शंखनाद होगा ! आप सबको साधुवाद है आप सब अपने क्षेत्रो में सुप्रचार अभियान चलाये गुरुकृपा हम सबके साथ है
    आपका गुरुभाई
    देवेंदर शर्मा
    जी.आई.आई.टी.,भजनपुरा
    दिल्ली -53
    09899225305 ,09312106771

    जवाब देंहटाएं
  8. sadho sadho sharma bhai..... dhanywad aapka....
    ye aapke dwara he likha gaya....or bapu ji k is blog tak pahucha.....per hum chathe hai ki sabk 1 jhut hoke mukabla kare or iss baat ko such kare ki....वही होता है जो मंजूरे आसाराम बापू होता है
    humare bapu humare liye kitna karte hai....
    or agar hum unhe abhi kaam na aayenge tho kab kaaam aayenge..... humara bhi tho farj banta hai ki jin gurudev ne apni puri umer laga di humare piche...

    hume sudharne k liye hum bhi unke liye kuch kare..... sadho sadho ...jai ho....

    जवाब देंहटाएं